छै तु भि हुयाीं गुप चुप,छौं मैभि होयुं चुप-चुप
फूल हमारी माया कु खिललू कनक्वै

मन त्वैमा मैन जब खोली थौ
सोचि द्यौलु जबाब त्वैन बोली थौ
मै सारा लग्यंू बाटु हेरणू छौं,कब तैं रैली सोचणी चुप

जगवाळ म कखी पराण न चलि जौ
तेरि स्याणी मेरा मन म न चलि जौ
गेड़ खोली ज भेद बोली ज, कब तैं रैली सोचणी चुप

न हैंसदू बसंत जाणी न रूझौंद चैमास
मै ख्याल तेरू सोर तेरू बारा मास
बिन बोल्यां औ गौळा भेंट्यै जा, कब तैं रैली सोचणी चुप

SHARE
Previous articleसुपन्यू देखी छयो
Next articleभाग
ओम बधाणी उत्तराखण्ड के एक सुप्रसिद्ध लोकगायक,कवि एवं साहित्यकार हैं। Om Badhani is a famous FolkSinger,Poet and author of Uttrakhand India.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here