अपड़ौ कि गाळी विराणौ कि छुईं
खैनि तुमारा बाना ,सूणि तुमारा बाना
कुटम्यौं कि रीस मुल्क क बोल
सैनि तुमारा बाना,सुणी तुमारा बाना

स्यूंद पाटी सजाई,नथुलि बिंदुली पैर्यालि
बिन फेरौं सात जन्मू कु ,नातू जोड़्यालि
सजीलि गाणी,सुखीलि स्याणी
सजै तुमारा बाना,कैनि तुमारा बाना

दुन्यां प्रीत की सजैक, हिया को घर बणैक
रखलु लुकैक छिपैक, ज्यू पराण बणैक
सजीलि दुन्यां,सुखीला सुपन्यां
सजै तुमारा बाना,देख्या तुमारा बाना

हैंसि हमेसा रहो, दुख दिख्यौ न सुण्यौ
माया की डाळि हो, छैलु सबुक खत्यौ
माया कि डाळि,सुपन्यौं कि माळा
लगै तुमारा बाना ,गंठ्यै तुमारा बाना

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ओम बधाणी उत्तराखण्ड के एक सुप्रसिद्ध लोकगायक,कवि एवं साहित्यकार हैं। Om Badhani is a famous FolkSinger,Poet and author of Uttrakhand India.

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