अचक्याल मैतैं बुरा-बुरा सुपन्य आणा छन
हाथ म लिन्यूं छ टिपड़ू पण्डा जि दिखेणा छन

सीधु साधु लाटु कालू बै बाबू कु भक्त छौं मै
ब्यौ नि कन कतै न बड़ु हट्टी छौं बड़ु सक्त छौं मै
नाता रिस्तादार पुळ्याणा पत्याणा छन

बर्ख पुजद परछि बोलि,ऐंसु खतड़ पतड़ होलि
कुड़ि सजली बडै बजली सत्यनारैणै कथा होली
गौळम् धंडोली बांदणौ पिलान बणाणा छन

द्यू धुपाणू धरणा उठाणू मेरि मति पल्टाण कू
मेरा दगड़्यों म सर्त लगणी मैतैं समझाण कू
दोस धाम त न हो क्वी देबतौं नचाणा छन

माजी चांदि नातेड़ू बाबा जी चांदा नतेड़ी
मै फंसाणा पण्डाजी कनि फुक्यै तुमारी पातड़ी
अचक्याल खुसर पुसर क्वी खिचड़ी पकाणा छन

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ओम बधाणी उत्तराखण्ड के एक सुप्रसिद्ध लोकगायक,कवि एवं साहित्यकार हैं। Om Badhani is a famous FolkSinger,Poet and author of Uttrakhand India.

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