मेरा गौं पाणी धारू
ब्याळी खेतेंदु छा,ै आज चूणू छ
मेरा गौं पाणि धारा मा
ब्याळि छांट छ,ै आज लैन छ
मेरा गौं पाणी घारा कु सळ-सळु पाणी
ब्याळि मिठ्ठू छौ
मेरा गौं पाणि धारा म ब्याळि गीत सुणेंदा छा
आज घ्याळु छ
पर
लैन पर खड़ि वीं पन्देरि कि चार
मैं तैं भि आस छ
फिर खतेलु ,फिर सुुुुुणेला गीत
मिठ्ठु पाणी फिर बुझालु तीस
मेरा गौं पाणी धारा म ।

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ओम बधाणी उत्तराखण्ड के एक सुप्रसिद्ध लोकगायक,कवि एवं साहित्यकार हैं। Om Badhani is a famous FolkSinger,Poet and author of Uttrakhand India.

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