माथमी माई गंगा माई
जय मां गंगे हर-हर गंगे
जय हो धर्मी हो राजा भगीरथ महान
तेरा परताप हमुन पाई यू बरदान
शिव जटा न छुटि पवित्र गंगा की धार
सगर बंसी तरिन तृप्त ह्वै संसार
पवित्र गंगोत्री धाम विराजी गंगा मां
जमुना लक्ष्मी जी गैल सरस्वती अन्नपूर्णा
भगिरथ जाह्नवी गणेश दुर्गा मां
शीर्ष आशण मां को गंगा पंचैत मां
मुखवा बिटि गंगा मां कि डोली झलूस चलद
अक्षय तृतीय को गंगोत्री पट खुल्द
छामर्या डाली चडौदा गांदा जस गुण गान
म्ुखमा का संेमवाल तेरी पूजा ळंदा
देशु का देस्वाली गंगा स्नान लेंदा
पूजा पाठ घ्यान पितृ पिण्ड दान देंदा
तु मां त्रास मिटौंदी भव सागर तरौंदी
जन्मु कु पाप धोन्दी देदी मोक्ष कु दान
कैल देवदार बिच उंचा कांठों का निस
तेरू पावन मन्दिर मां पूरब दिश
गौरी विष्णु कुण्ड सामणी रूद्र कैळश
धरती मां दिखेंद स्वर्ग कु फैळस
विकास कु आधार तेरि पवित्र जलधार
तेरू प्रताप हरू भरू देश घर गौं गुठ्यार
स्वार्थी ळलची मनखी दुर्गुण को भण्डार
क्षमा करि तैं कृपा रखि त्वी छै मुक्ति कु द्वार