घुघता कि घोेली ये
सुदिन सुबार आई नाच मन खोली ये
ढोल दमौ मसक भकोंरा
बजावा गाजा बाजा
रांसु मण्डाण झुमैलो
तांदी लाण आज
मन का सुखा पाखौं मां
ऐगे मौळ्यार
तु पाई त पाई गैल्या
सारू संगसार ।
तेरा रौत्याल्या मुलक
मरा मन भी ऐगी फुळर
माया लगी त्वेमा
मन छपीगे अन्वार
सानि न क धवाड़ी न लगै
न द्यै कै खबर
लुकै रखी माया
दुन्यां कि न लगु नजर