कालू भण्डारी होलू अनमतो धनमतो जोवनमतो भड ,
सुपन्यौं मां देखे वैन बांद ध्यानमाळ ,
चांदी की सेज देखी सोना का फूल ,
हिया सूरज देखी पीठि चांदनां
जिकुड़ा फुळर पड़े लगी माया कु रोग ,
खोजदा खोजदा पौंछीगे वु भड़ वींका नौळी गढ ।
ध्यानमाळा प्यारी ध्यानमाळा
मेरू मन जोगी ह्वेगी ध्यानमाळा तेरू घ्यान लैगी प्यारी घ्यानमाळा ।
भण्डारी वांका भण्डारी
तेरी एक झलक भण्डारी पौंछी जिकुड़ा तलक भण्डारी
फूलुन त्वैमन गाडी रंग पैंछ
कर्यूं तेरू हर्याळू धरती एैंच
जोन गैंणों मा उजाळू तेरा रूप को
बथौं पाणी त्वैसी प्यारी घ्यानमाळा
गैल्याणी मैं मजी लांदी रीस
सारा मुल्क तेरी छ्वीं चळनी छ
डबराळी डीठ कंकर्याळू माथो
सजिलू मयाळू बैख मेरू भण्डारी
मैं बर्फानी कांठो चढी आयों
घणा बण गदनों टपी आयों
स्यूंतळो भण्डार छोड़ी ऊंची अटाळी
तेरी माया का बाना प्यारी घ्यानमाळा ।
मैनी बाळी उमर बाळी माया
नौ तेरा कैर्याली चित काया
जात थात नातों छोड़ीक
ह्वैग्यौं तेरी त्वैमां मन जोड़ीक ।