Poetry

मेरू गौं

भोळ कथा ह्वै जालू कथगुळ्यों मां रै जालू मेरू गौं आस कु भारू पीठि मां बांध्यूं रैगी जागदू रैगे गौं विकास सैरू मां स्यैगी बिसूण खोजदु रैगे मेरू गौं दिवाली...
- Advertisement -

RECOMMENDED VIDEOS

POPULAR