Poetry

खित हैंसिक

वत खित हैंसिक बाट लगिगे मेरि जिकुड़ी अबाट धोळिगे ह्वैगे स्य जोन मै चकोर स्वाणा सुपन्यों क बग्वान मा झिल मिल ख्यालु क असमान मा उडणु छौं लगिन पंखूर कुमळाईं...

नाचा

घुघता कि घोेली ये सुदिन सुबार आई नाच मन खोली ये ढोल दमौ मसक भकोंरा बजावा गाजा बाजा रांसु मण्डाण झुमैलो तांदी लाण आज...

तेरि तसबीर

तेरि तसवीर देखि क चित बुझौणु छौं,यै मन पुळयौणु छौं यनि दिन कटेणा छन,रात बितौणू छौं तबारि सैंदिस्ठ एै जांदि,तबारि मूरत ह्वै जांदि घड़ेक रंगस्याळ्यै,तड़पांदि तरसांदि गाण्योैं क...

अबीर गुलाल

ऐंसु फागूण इनु रंग लीक एै जु गात हि ना मन भि रंगै द्यौ अबीर गुलाल लगी, पिंगळू लाल लगी फोंजि त फुंज्यैगे उड़िगे ध्वैयेगे ऐंसु फागूण इनु...

खुद

हिया रणमिणी लगैगे-लगैगे खुद वीं भग्यानी की मन उदासू सरैगे-सरैगे खुद वीं भग्यानी की खांद खै नि सक्यौं,स्येंद स्यै नि सकी उठि हूक इनी हिटि न थौ खै...

कु नजर

बाड़ बंणाग मनस्वाग,कबर्योेेेेंकु भ्यूंचाळ कैकि नजर लगि होलि मेरा कुमौं गढवाळ हव बदळीं-बदळीं सळ-सळु ह्वै पाणी गैल अपड़ा विराणा तौभि खळ-खळु पराणी पंचनाम बौगा हुयां बौगु खेतरपाल कैकि...

मुसा रे मुसा

मुसा रे मुसा ,अलखणि मुसा जै घर खांदु तु वै घर खोंदु दोख्खि अघोरि तु कैकु नि होंदु बैं बूति पुंगड़ी फसल जमै बढै खांदि बत त्वैन मुसदुळा...

मन समाळ

आंख्यों मां निंद निन्द्रा सुपिन्या सुपिन्यों देखेदि तु घर मां बणु मां गौं गुठ्यारू मां संगता तू हि तू मैक हांेयी जिबाल तु बोदि...

तुमारा बाना

अपड़ौ कि गाळी विराणौ कि छुईं खैनि तुमारा बाना ,सूणि तुमारा बाना कुटम्यौं कि रीस मुल्क क बोल सैनि तुमारा बाना,सुणी तुमारा बाना स्यूंद पाटी सजाई,नथुलि बिंदुली...

फौजि

जणि लियूं चा, अजाणम् लियूं छ भल्यां मा लियूं , चा औख्यांमा लियूं छ जन भी हो बस, चित बुझायूं छ फौजी छौं, सेवा धरम लियूं छ देस...

डांड्यों कौंला डेरू

छोड़ ईं दुन्यां यूं माया क जिदेरू हिट छान्यौं कौंला डेरू यख नी क्वी तेरू मेरू हिट छान्यौं कौंला डेरू ओडु घसारि कैकु, न बिज्वाड़ कुद्याई आवो बतावो क्वी,कैकु...

आतंकवाद

धर्म क नौ पर काम अधर्म का भुगतणी छ जन्ता,फल यूंका कुर्कमु का ऊं पछाणा भुलौं,ऊं पछाणा दिदौं सि न तुमारा, छन न हमारा छन बिबलाणा छन बाळा,लुल्यामार...

पैलित् यूँ आंख्यों म…….

पैलित् यूँ आंख्यों म बसी नी क्वी देखि तेरी मुखड़ी त फेर नि देखि क्वी । मौळ्यार लै गई हैर्याळू कै गई एक डाळी जमै त्वेन फेर...

भाग

भग्यानु कु ज्यू होली हरसौणी मै रूवायौं सदानी आज भि रूवौणी य रात जुन्याळी मैक औंसि सि काळी उद्यौ भि नि ह्वै घाम अंछळ्यै गई खुलि भि नी...

अपड़ु कपाळ

मै पाड़ छौं इ ढुगां मेरा हाटगा छिन यु माटु मेरू मांस छ अर इ इाळि बुर्दि मेरि जुनखि छिन मेरू मान सम्मान ज्यू ज्यान छिन पर मेरा अपड़ा विराणा...

उकाळ उंदार

उकाळि उंदार्यों हिटदा-हिटदा थकिगे होलु जरा सि थौ खयाल मिठ्ठु बांज कि जड़्यों कु पाणि पियाल जरा सि थौ खयाल जंकदु जोड़दू रई भोगी नि सकी दौड़दु भागदु रई...

जगवाळ

छै तु भि हुयाीं गुप चुप,छौं मैभि होयुं चुप-चुप फूल हमारी माया कु खिललू कनक्वै मन त्वैमा मैन जब खोली थौ सोचि द्यौलु जबाब त्वैन बोली थौ मै...

निर्मोही बजार

नि लगदू मन हे मां यै निर्मोही बजार मां निठुरी घरती स्वार्थी मनखी अबंेडु समाज नी छ कीमत जीवन की हे मां यै...

मेरौं कै जावा भेंठ

मेरौं कै जावा भेंठ आखीर दिख्यौ न दिख्यौ अगनै फेर जन्म भूमी य टीरी तुमारी दिख्यौ न दिख्यौ अगनै फेर एक मा होंन्दी व जीन जन्म दिनी वीं से...

मायादार

मयादार आंखि सांकि,जिकुड़ि,मुखुड़ि मायादार त्वी छै माया की अन्वार खुटि पड़ी जथैं उथैं एैगे बसंत ऊं बाटा घाटौं फुलार मौळ्यार ढुंगा माटा गारौं मा मायादार त्वी छै माया...
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