Poetry

पिड़ा

घर गौं मुल्क छुटण की क्य होंदि पिड़ा उठण की पड़ा ऊं आंख्याौं म बिती जौं पर पुछा टीरि क रैबास्यौं बिती जौं पर कम्पनसेसन का पैसौंन कुड़ि...

खिस्सा

खिस्सा उन त कपडा़ कि सिलीं थैलकि होंदु पर यैकि महिमा अपार छ अर यैकि दासि सारि पिरथि छ किलै कि मनखि न...

मनखि रे

मनखि रे तेरा मन की नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन खिल-खिल हैंसदा मुखड़ा ,पित्त पक्यां जिकुड़ा आस विस्वास कि डाळि, सुकाई त्वैन छपकाई त्वैन मनखि रे तेरा...

टुख्ख

टुख्ख, यनि कांगसा जु मनखि,चैन-पसु, डाळि-बोटि मर्ंया-ज्यूंदा सबु म पकदि एक यनि तृष्णा जींकु क्वी ओर छोर नी टुख्ख पौंछणक दिन रात हाड-मांस गळौण पड़दन अर काया ह्वै जांदि क्वांसि जन-जन टुख्ख...

तेरि याद

आई तेरि याद, तब आई तेरि याद क्वी कुटमुणी जु देखि फूल बणदा क्वी भांैरू देखि फूल पर उड़दा तब आई तेरि याद कैकि गल्वाड़्यौं म एक लटुली...

गैल्या परदेसी

गैल्या परदेसी हे भौंर परदेसी तु छै घड़ेकौ उलार जन सुपन्यू त्यौहार मेळा कौथीगै कि भीड़ व्याखुनी दाँ वार पार आँखि बच्याली ज्यू मिलला माया कि बरखा म...

जिकुड़ि म माया

जिकुड़ि म माया जिकुड़ी म माया कु द्यू जगिगे मैन त देख्याली,यूं आंख्यौं म देख्याली मन मेरा भि माया कि झौळ लगीगे मै भि देख्यााली,यूं आंख्यौं म देख्याली खुटी...

मन भौंर

मन भौंर पापी रिंगि-रिंगि औंदु त्वै पर जुगत् जन्त जोड़ि हार्यों त्वै बिसरूं कनै रूपौ समोदर देखि बांदु कि डार लंगत्यार अणगाई अटकळी नी क्वी,खोजी एक तेरी...

अबीर गुलाल

ऐंसु फागूण इनु रंग लीक एै जु गात हि ना मन भि रंगै द्यौ अबीर गुलाल लगी, पिंगळू लाल लगी फोंजि त फुंज्यैगे उड़िगे ध्वैयेगे ऐंसु फागूण इनु...

उमाळ

फेर उमळी उमाळ जिकुड़ि म तर खत्यैनि आंसु मुखड़ि म सरिन बादळ खुद क जिकुड़ि म बरख्या बादळ आंसु क मुखड़ि म तेरि माया कि कुटमुणि फूल...

खित हैंसिक

वत खित हैंसिक बाट लगिगे मेरि जिकुड़ी अबाट धोळिगे ह्वैगे स्य जोन मै चकोर स्वाणा सुपन्यों क बग्वान मा झिल मिल ख्यालु क असमान मा उडणु छौं लगिन पंखूर कुमळाईं...

सुणा हे जि सुणा

सुणा हे जि सुणा रूमझूम बरखा कि लैगे लड़ि लौंकी कुयेड़ि मेरि झुरि जिकुड़ि घिरि-घिरि आंदि रिंगि-रिटि आंदि काळि कुयेड़ी अंध्यारू कै जांदि सुणा हे जि सुणा चमकदि चाल गगड़ांदु...

श्यामा प्यारी

रणु सगोर करी श्यामा प्यारी,मन धीरज धरी ष्यामा प्यारी मै राजि खुसी छौं यख देस म,तेरि खुद छ दगड़्या यै परदेस म सुदि चेड़प न करी...

घड़ेक

माया की द्वि छ्वीं छक्की छन उमर भरक औ बैठ घड़ेक भ्वां बैठ घड़ेक ज्यू हळकू कैजा खट्टी मिठ्ठी लैजा कुछ समूण दीजा,समळौण लीजा उमर भरक सुपन्यौं कि...

मेंढगा

गळ्या बळ्द सि खाणा क भारि बांडु भैंसु सि न्यार कट्टु दिन भर तास-कच्ची चळनी छन अर पसर्यां छन कभि बिल्या खोळा कभि सौकारू क खोळा फसक मार खत्यां की कथा क न खाणा...

डांड्यों कौंला डेरू

छोड़ ईं दुन्यां यूं माया क जिदेरू हिट छान्यौं कौंला डेरू यख नी क्वी तेरू मेरू हिट छान्यौं कौंला डेरू ओडु घसारि कैकु, न बिज्वाड़ कुद्याई आवो बतावो क्वी,कैकु...

चेत नि आई

जाळि आंख्यौं क सारा,झुठ्ठा सौं क भरांेसा पंथ माया क हिटी, धारू गाडु रिटि-रिटि घुण्डी मुण्डी थिच्यै ग्याई, तौभि चेत नि आई सुन्नि मुन्नि जिदेरू न पर्वाण...

मेरौं कै जावा भेंठ

मेरौं कै जावा भेंठ आखीर दिख्यौ न दिख्यौ अगनै फेर जन्म भूमी य टीरी तुमारी दिख्यौ न दिख्यौ अगनै फेर एक मा होंन्दी व जीन जन्म दिनी वीं से...

बाडुळी

लैगे बाडुळी लैगे पराज,एैगे सुवा कु रैबार आज भौळ म साल बितीगे कब एैला स्वामि घर रितु एैन गैन तरसौंदि रैन स्वाणी मुखड़ी क दरसन नी पैन फोटु...

तेरि तसबीर

तेरि तसवीर देखि क चित बुझौणु छौं,यै मन पुळयौणु छौं यनि दिन कटेणा छन,रात बितौणू छौं तबारि सैंदिस्ठ एै जांदि,तबारि मूरत ह्वै जांदि घड़ेक रंगस्याळ्यै,तड़पांदि तरसांदि गाण्योैं क...
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